
प्रकाशित तिथि: 29 अगस्त 2025
लेखक: Newsindia4
परिचय: ट्रंप का 50% टैरिफ और भारत पर इसका प्रभाव
27 अगस्त 2025 से, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लागू कर दिया गया है। यह टैरिफ दो चरणों में लागू हुआ—पहला 25% टैरिफ जुलाई 2025 में और दूसरा अतिरिक्त 25% टैरिफ 27 अगस्त 2025 से। यह कदम भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद के जवाब में उठाया गया है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने अपनी नीतियों के खिलाफ माना है। इस टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से निर्यात-आधारित उद्योगों और नौकरियों पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
इस लेख में, हम इस टैरिफ के प्रभावों, प्रभावित होने वाले क्षेत्रों, नौकरियों पर संकट, और भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का विश्लेषण करेंगे। साथ ही, हम यह भी देखेंगे कि क्या यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक खतरा बन सकता है और इससे निपटने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। यह लेख 5000 शब्दों में विस्तार से इस विषय को कवर करेगा और SEO के लिए अनुकूलित है, जिसमें प्रासंगिक कीवर्ड्स जैसे “ट्रंप टैरिफ भारत”, “भारत अर्थव्यवस्था प्रभाव”, और “नौकरियां खतरे में” शामिल हैं।
ट्रंप का टैरिफ: पृष्ठभूमि और कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का फैसला रूस से भारत के तेल आयात को लेकर किया है। ट्रंप का तर्क है कि भारत का रूस से तेल खरीदना वैश्विक व्यापार नियमों और अमेरिकी हितों के खिलाफ है। इसके जवाब में, भारत ने इस फैसले को “अनुचित और अविवेकपूर्ण” करार दिया है, यह तर्क देते हुए कि भारत का तेल आयात उसकी 140 करोड़ की आबादी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
इस टैरिफ की शुरुआत 7 अगस्त 2025 को 25% शुल्क के साथ हुई थी, जिसे बाद में 27 अगस्त से बढ़ाकर 50% कर दिया गया। यह टैरिफ भारत के कुल निर्यात के लगभग 66% को प्रभावित करेगा, जो कि लगभग 48.2 अरब डॉलर के व्यापार को कवर करता है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और भारत अपने कुल निर्यात का लगभग 20% अमेरिका को करता है। इस टैरिफ से भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता कम होगी और निर्यात में भारी गिरावट की आशंका है।
टैरिफ का ऐतिहासिक संदर्भ
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल (2017-2020) के दौरान भी भारत पर टैरिफ बढ़ाने की नीति अपनाई थी, लेकिन इस बार का 50% टैरिफ अभूतपूर्व है। यह कदम न केवल भारत, बल्कि 70 से अधिक अन्य देशों पर भी लागू किया गया है, जिनमें सीरिया पर 41% और कनाडा पर 35% टैरिफ शामिल हैं। ट्रंप का दावा है कि ये टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ सकता है।
प्रभावित होने वाले प्रमुख क्षेत्र
ट्रंप के 50% टैरिफ का सबसे बड़ा असर भारत के उन क्षेत्रों पर पड़ेगा जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं जो इस टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे:
1. टेक्सटाइल और परिधान
- प्रभावित निर्यात मूल्य: 10.8 अरब डॉलर
- प्रभावित क्षेत्र: तमिलनाडु (तिरुपुर), गुजरात (सूरत), पंजाब (लुधियाना), और दिल्ली-एनसीआर
- नौकरियों पर प्रभाव: इस क्षेत्र में लगभग 4.5 करोड़ लोग कार्यरत हैं, और विशेषज्ञों का अनुमान है कि 5-7% कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
- प्रतिस्पर्धा: बांग्लादेश, वियतनाम, और पाकिस्तान जैसे देश, जिन पर कम टैरिफ लागू हैं, अमेरिकी बाजार में भारत की जगह ले सकते हैं।
2. रत्न और आभूषण
- प्रभावित निर्यात मूल्य: 10 अरब डॉलर
- प्रभावित क्षेत्र: सूरत और मुंबई
- नौकरियों पर प्रभाव: हजारों कारीगरों और छोटे व्यापारियों की आजीविका खतरे में है।
- प्रतिस्पर्धा: तुर्की और अन्य देशों को बाजार में बढ़त मिल सकती है।
3. झींगा और समुद्री उत्पाद
- प्रभावित निर्यात मूल्य: 2.4 अरब डॉलर
- प्रभावित क्षेत्र: विशाखापत्तनम और आंध्र प्रदेश
- नौकरियों पर प्रभाव: समुद्री खाद्य उद्योग में लाखों कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं।
- प्रतिस्पर्धा: थाईलैंड और पाकिस्तान जैसे देशों को फायदा हो सकता है।
4. फर्नीचर और हस्तशिल्प
- प्रभावित निर्यात मूल्य: 2.8 अरब डॉलर
- प्रभावित क्षेत्र: जोधपुर, नोएडा
- नौकरियों पर प्रभाव: इस क्षेत्र में लगभग 48 लाख लोग कार्यरत हैं, और निर्यात में कमी से छोटे और मध्यम उद्यमों पर गहरा असर पड़ेगा।
5. स्टील, एल्यूमिनियम, और मशीनरी
- प्रभावित निर्यात मूल्य: 11 अरब डॉलर
- प्रभावित कंपनियां: टाटा स्टील, भारत फोर्ज, और L&T
- नौकरियों पर प्रभाव: इस क्षेत्र में 55 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं, और छोटे उद्यमों पर सबसे ज्यादा दबाव पड़ेगा।
अपवाद: सुरक्षित क्षेत्र
कुछ क्षेत्रों जैसे फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, और पेट्रोलियम उत्पादों को इस टैरिफ से छूट मिली है, क्योंकि इनकी अमेरिकी बाजार में मांग बनी हुई है। यह भारत के लिए एक राहत की बात है, क्योंकि ये क्षेत्र कुल निर्यात का लगभग 30% हिस्सा हैं।
नौकरियों पर संकट: कितना बड़ा है खतरा?
ट्रंप के टैरिफ से भारत में लाखों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण, और समुद्री उत्पादों में नौकरियों की कमी का डर है। निम्नलिखित कुछ प्रमुख बिंदु हैं:
- प्रभावित कर्मचारी: ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, टैरिफ से प्रभावित क्षेत्रों में निर्यात 70% तक गिर सकता है, जिससे लाखों निम्न और अर्ध-कुशल कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
- क्षेत्रीय प्रभाव: तमिलनाडु, गुजरात, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में उत्पादन केंद्रों पर पहले से ही असर दिखना शुरू हो गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि अकेले तिरुपुर में 3000 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हो सकता है।
- छोटे व्यापारियों पर दबाव: छोटे और मध्यम उद्यम, जो तत्काल नकदी पर निर्भर हैं, इस टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। बड़े व्यापारी कुछ समय तक सामान होल्ड कर सकते हैं, लेकिन छोटे व्यापारियों को कम कीमत पर स्थानीय बाजार में बेचना पड़ सकता है।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

नौकरियों की कमी से बेरोजगारी बढ़ सकती है, जिसका असर उपभोक्ता खर्च पर पड़ेगा। इससे भारत की घरेलू मांग कम हो सकती है, जो पहले से ही वैश्विक मंदी के दबाव में है। इसके अलावा, बेरोजगारी बढ़ने से सामाजिक अस्थिरता का खतरा भी बढ़ सकता है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: जीडीपी और विकास दर
भारत की अर्थव्यवस्था, जो वर्तमान में 6.5% की दर से बढ़ रही है, इस टैरिफ से प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुमान इस प्रकार हैं:
- जीडीपी पर प्रभाव: गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि टैरिफ से भारत की जीडीपी में 0.6% की गिरावट आ सकती है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी वृद्धि 0.4% कम हो सकती है।
- कॉर्पोरेट आय पर दबाव: ब्लूमबर्ग के अनुसार, बैंकों और आईटी कंपनियों पर कॉर्पोरेट आय में कमी आ सकती है।
- निर्यात में कमी: क्रिसिल रेटिंग्स ने चेतावनी दी है कि भारत का अमेरिका को निर्यात 43% तक गिर सकता है, और कुछ क्षेत्रों में यह गिरावट 70% तक हो सकती है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था इस झटके को सहन कर सकती है, क्योंकि अमेरिका को निर्यात भारत के जीडीपी का केवल 2.3% है। फिर भी, श्रम-प्रधान क्षेत्रों में नौकरियों की हानि और निर्यात में कमी से अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो सकती है।
भारत सरकार और उद्योगों की प्रतिक्रिया
भारत सरकार और उद्योग जगत इस टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं:
1. वैकल्पिक बाजारों की तलाश
- वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यातकों को चीन, लैटिन अमेरिका, और मध्य पूर्व जैसे वैकल्पिक बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने के लिए प्रोत्साहित किया है।
- यूरोप (जर्मनी, यूके) और ASEAN देशों (सिंगापुर, मलेशिया) में इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल उत्पादों की मांग बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
2. वित्तीय सहायता
- व्यापार संगठनों ने सरकार से कोविड-19 जैसे राहत पैकेज की मांग की है, जिसमें कैश सपोर्ट और लोन मोरेटोरियम शामिल हैं।
- छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए विशेष लोन योजनाएं शुरू की जा सकती हैं।
3. रुपये की कीमत में कमी
- अर्थशास्त्री राजेश्वरी सेनगुप्ता ने सुझाव दिया है कि रुपये की कीमत में कमी करने से निर्यातकों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सकता है।
4. घरेलू उत्पादों को बढ़ावा
- कुछ विशेषज्ञों और नेताओं ने सुझाव दिया है कि भारतीय उपभोक्ता अमेरिकी ब्रांड्स के बजाय स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें, ताकि अमेरिकी आयात पर निर्भरता कम हो।
5. कूटनीतिक प्रयास
- भारत सरकार ने इस टैरिफ को अनुचित करार दिया है और इसे लेकर अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखने का फैसला किया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह किसानों और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा करेंगे।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं और भू-राजनीतिक प्रभाव
ट्रंप के टैरिफ ने न केवल भारत, बल्कि ब्राजील, रूस, और चीन जैसे देशों में भी असंतोष पैदा किया है। अलजजीरा ने लिखा है कि यह टैरिफ वैश्विक व्यापार में एक नई धुरी बना सकता है, जो अमेरिकी नीतियों का विरोध करेगी।
इसके अलावा, भारत ने अमेरिका पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है, क्योंकि अमेरिका स्वयं रूस से 3.3 अरब डॉलर के संसाधन आयात करता है। यह विवाद भारत-अमेरिका संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से तब जब तमिलनाडु जैसे राज्यों ने इस टैरिफ को द्विपक्षीय संबंधों के लिए हानिकारक बताया है।
दीर्घकालिक रणनीतियां: भारत कैसे करेगा मुकाबला?
इस टैरिफ संकट से निपटने के लिए भारत को दीर्घकालिक रणनीतियों की आवश्यकता है। कुछ संभावित उपाय इस प्रकार हैं:
- निर्यात विविधीकरण: भारत को अपने निर्यात बाजारों को विविध करना होगा, ताकि अमेरिका पर निर्भरता कम हो।
- स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा: आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार: उच्च-मूल्य वाले उत्पादों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स पर ध्यान देना होगा, जो टैरिफ से मुक्त हैं।
- कूटनीतिक बातचीत: भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को तेजी से पूरा करने की कोशिश करनी होगी।
शेयर बाजार पर प्रभाव
27 अगस्त 2025 को गणेश चतुर्थी के कारण भारतीय शेयर बाजार बंद था, लेकिन 28 अगस्त को बाजार खुलने पर टैरिफ का असर दिखा। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट देखी गई, विशेष रूप से टेक्सटाइल, ज्वेलरी, और लेदर सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में। ग्लोबल संकेत भी नकारात्मक थे, क्योंकि गिफ्ट निफ्टी और हैंगसेंग इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई।
निष्कर्ष: क्या भारत इस संकट से उबर पाएगा?
ट्रंप का 50% टैरिफ भारत के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती और सरकार के त्वरित कदम इसे कम करने में मदद कर सकते हैं। वैकल्पिक बाजारों की तलाश, वित्तीय सहायता, और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देकर भारत इस संकट से उबर सकता है। हालांकि, नौकरियों की हानि और निर्यात में कमी जैसे तात्कालिक प्रभावों से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई जरूरी है।
FAQs: ट्रंप के 50% टैरिफ और भारत पर इसके प्रभाव
1. ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ क्यों लगाया?
ट्रंप ने भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद को इसका कारण बताया है। उनका दावा है कि यह अमेरिकी हितों के खिलाफ है।
2. किन क्षेत्रों पर इस टैरिफ का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा?
टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण, झींगा, फर्नीचर, और स्टील जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
3. इस टैरिफ से कितनी नौकरियां खतरे में हैं?
लाखों नौकरियां, विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों में, खतरे में पड़ सकती हैं। तमिलनाडु में अकेले 3000 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हो सकता है।
4. भारत सरकार इस संकट से निपटने के लिए क्या कर रही है?
सरकार वैकल्पिक बाजारों की तलाश, वित्तीय सहायता, और कूटनीतिक बातचीत जैसे कदम उठा रही है।
5. क्या इस टैरिफ से भारत की जीडीपी प्रभावित होगी?
हां, विशेषज्ञों का अनुमान है कि जीडीपी में 0.4-0.6% की गिरावट आ सकती है।
6. क्या भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौता कर सकता है?
भारत और अमेरिका के बीच बातचीत जारी है, लेकिन ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियों के कारण यह चुनौतीपूर्ण है।
- सिर्फ 135 सेकेंड में बिक गई 682KM रेंज वाली Mahindra BE 6 Batman Edition: क्या है इसकी खासियत?
- प्रधानमंत्री मोदी का जापान दौरा: भारत–जापान साझेदारी की नई दिशा
- GATE 2026: ऑनलाइन आवेदन शुरू, तारीखें, पात्रता, और पूरी जानकारी
- ब्रेकिंग न्यूज: ट्रंप के 50% टैरिफ लगते ही भारत में लाखों नौकरियां खतरे में! क्या अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा गहरा असर?
- OpenAI भारत में बांट रहा फ्री 5 लाख ChatGPT Plus अकाउंट: AI का होगा शिक्षा में क्रांतिकारी उपयोग

प्रकाशित: 30 अगस्त 2025 महिंद्रा ने अपनी नवीनतम इलेक्ट्रिक एसयूवी, Mahindra BE 6 Batman Edition, के साथ ऑटोमोबाइल

भारत और जापान के बीच कई दशकों से मजबूत सम्बंध रहे हैं, जो आर्थिक, रक्षा, तकनीकी और सांस्कृतिक

ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) भारत में इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, साइंस, आर्किटेक्चर, और ह्यूमैनिटीज के क्षेत्र में स्नातकोत्तर

प्रकाशित तिथि: 29 अगस्त 2025लेखक: Newsindia4 परिचय: ट्रंप का 50% टैरिफ और भारत पर इसका प्रभाव 27 अगस्त

परिचय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में अग्रणी कंपनी OpenAI ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक

महत्वआज गणेश चतुर्थी 2025: आज का समाचार 27 अगस्त 2025 को गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो चुकी है,

ट्रंप के टैरिफ का बैकग्राउंड डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले और दूसरे कार्यकाल में अमेरिका को “अमेरिका फर्स्ट”

परिचय: वैष्णो देवी में एक भयावह हादसा जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर, जो

परिचय 22 अगस्त 2025 को भारत में सोशल मीडिया पर एक बड़ी हलचल मच गई जब कई उपयोगकर्ताओं

गूगल ने अपनी बहुप्रतीक्षित Google Pixel 10 Series को भारत में 21 अगस्त 2025 को लॉन्च कर दिया