भारतीय सिविल सेवा प्रणाली, जिसे अक्सर “स्टील फ्रेम” कहा जाता है, दशकों से देश की प्रशासनिक रीढ़ रही है। हालांकि, समय के साथ, इसकी संरचना और कार्यप्रणाली में कई चुनौतियाँ उभरकर सामने आई हैं। पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, डॉ. डी. सुब्बाराव ने हाल ही में इस प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया है, जिसमें उन्होंने उम्र सीमा घटाने, प्रयासों की संख्या सीमित करने, और 40 वर्ष से अधिक आयु के पेशेवरों को IAS में प्रवेश देने की सिफारिश की है।
वर्तमान सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली
आयु सीमा और प्रयासों की संख्या
- सामान्य वर्ग: 21 से 32 वर्ष, अधिकतम 6 प्रयास।
- OBC वर्ग: 21 से 35 वर्ष, अधिकतम 9 प्रयास।
- SC/ST वर्ग: 21 से 37 वर्ष, प्रयासों की कोई सीमा नहीं।
- PwBD उम्मीदवार: 21 से 42 वर्ष, SC/ST के लिए प्रयासों की कोई सीमा नहीं; अन्य वर्गों के लिए 9 प्रयास। Legacy IAS Academy
यह प्रणाली कई उम्मीदवारों को देर से सेवा में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे उच्च पदों तक पहुँचने से पहले ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
डॉ. डी. सुब्बाराव के सुधार प्रस्ताव
1. आयु सीमा और प्रयासों की संख्या में कमी
डॉ. सुब्बाराव का मानना है कि वर्तमान प्रणाली युवाओं के उत्पादक वर्षों को बर्बाद कर रही है। वे सुझाव देते हैं कि आयु सीमा और प्रयासों की संख्या को घटाकर उम्मीदवारों को जल्दी सेवा में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। The Economic Times
2. 40+ पेशेवरों के लिए मध्य-कैरियर प्रवेश
वे एक संरचित वार्षिक मध्य-कैरियर प्रवेश मार्ग की सिफारिश करते हैं, जो 37 से 42 वर्ष की आयु के अनुभवी पेशेवरों को IAS में शामिल होने का अवसर देगा। इससे प्रशासन में विविधता और विशेषज्ञता बढ़ेगी।
3. सेवा के दौरान मूल्यांकन
डॉ. सुब्बाराव सुझाव देते हैं कि IAS अधिकारियों का हर 10-15 वर्षों में मूल्यांकन किया जाना चाहिए, जिससे प्रदर्शन आधारित पदोन्नति और गैर-प्रदर्शन पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। edatabook.com
सुधारों की आवश्यकता
युवाओं के उत्पादक वर्षों की बर्बादी
वर्तमान प्रणाली में उम्मीदवार कई वर्षों तक परीक्षा की तैयारी में लगाते हैं, जिससे उनके उत्पादक वर्षों का नुकसान होता है। अंततः, कई उम्मीदवार सेवा में प्रवेश नहीं कर पाते, जिससे उनकी ऊर्जा और संसाधनों की बर्बादी होती है।
सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व
SC/ST और PwBD उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा अधिक होने के बावजूद, वे अक्सर सेवा में देर से प्रवेश करते हैं और उच्च पदों तक नहीं पहुँच पाते। एक निश्चित कार्यकाल प्रणाली से सभी वर्गों को समान अवसर मिल सकते हैं। Drishti IAS+1Legacy IAS Academy+1
विशेषज्ञता की आवश्यकता
आधुनिक प्रशासन में तकनीकी और प्रबंधन कौशल की आवश्यकता है। मध्य-कैरियर प्रवेश से निजी क्षेत्र, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों को प्रशासन में शामिल किया जा सकता है।
संभावित चुनौतियाँ
राजनीतिक संवेदनशीलता
आयु सीमा और प्रयासों की संख्या में कमी राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है। सरकारें इस पर कार्रवाई करने से हिचकिचाती हैं, क्योंकि इससे बेरोजगार युवाओं में असंतोष बढ़ सकता है। ThePrint
प्रणालीगत बाधाएँ
लंबे समय से चली आ रही प्रणाली में बदलाव लाना आसान नहीं है। प्रशासनिक ढांचे में सुधार के लिए व्यापक योजना और राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
भारतीय सिविल सेवा प्रणाली में सुधार समय की आवश्यकता है। डॉ. डी. सुब्बाराव के सुझावों को गंभीरता से विचार करना चाहिए, जिससे प्रशासनिक दक्षता, सामाजिक न्याय और विशेषज्ञता सुनिश्चित की जा सके। एक आधुनिक, समावेशी और प्रभावी सिविल सेवा प्रणाली ही भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बना सकती है।
यहाँ पर डॉ. डी. सुब्बाराव के UPSC सुधार सुझावों पर आधारित कुछ प्रमुख FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) हिंदी में दिए गए हैं:
❓1. डॉ. डी. सुब्बाराव ने UPSC परीक्षा प्रणाली में कौन-कौन से प्रमुख सुधार सुझाए हैं?
उत्तर:
उन्होंने निम्नलिखित सुधारों की सिफारिश की है:
- सिविल सेवा परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा घटाना
- परीक्षा के प्रयासों की संख्या को सीमित करना
- 40 वर्ष से अधिक आयु के अनुभवी पेशेवरों को IAS में मध्य-कैरियर प्रवेश की अनुमति देना
- हर 10–15 वर्षों में IAS अधिकारियों का मूल्यांकन करना
❓2. वर्तमान में UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए आयु सीमा और प्रयासों की संख्या क्या है?
उत्तर:
- सामान्य वर्ग: 21–32 वर्ष, 6 प्रयास
- OBC: 21–35 वर्ष, 9 प्रयास
- SC/ST: 21–37 वर्ष, प्रयासों की कोई सीमा नहीं
- PwBD: 21–42 वर्ष (SC/ST के लिए प्रयास असीमित, अन्य के लिए 9 प्रयास)
❓3. 40+ पेशेवरों को IAS में प्रवेश देने का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
इसका उद्देश्य प्रशासन में तकनीकी विशेषज्ञता, अनुभव, और नवाचार को बढ़ावा देना है। इससे निजी क्षेत्र, शिक्षाविदों और उद्योगों के अनुभवी लोग प्रशासन में योगदान दे सकते हैं।
❓4. क्या 40 वर्ष से अधिक आयु के लोग वर्तमान UPSC परीक्षा प्रणाली के तहत IAS में शामिल हो सकते हैं?
उत्तर:
सिर्फ SC/ST और PwBD उम्मीदवार कुछ हद तक इस आयु में आवेदन कर सकते हैं। लेकिन डॉ. सुब्बाराव का सुझाव है कि सभी वर्गों के अनुभवी पेशेवरों को एक अलग “मध्य-कैरियर प्रवेश योजना” के तहत शामिल किया जाए।
❓5. उम्र और प्रयासों की संख्या घटाने से उम्मीदवारों पर क्या असर पड़ेगा?
उत्तर:
इससे उम्मीदवारों को जल्दी निर्णय लेने और प्रारंभिक प्रयासों में सफलता पाने की प्रेरणा मिलेगी। लेकिन इससे कुछ युवाओं को मानसिक दबाव भी महसूस हो सकता है, इसलिए इसे लागू करते समय संतुलित नीति बनानी होगी।
❓6. हर 10–15 साल में IAS अधिकारियों का मूल्यांकन क्यों जरूरी है?
उत्तर:
इससे प्रशासन में जवाबदेही और प्रदर्शन आधारित पदोन्नति सुनिश्चित हो सकेगी। इससे अक्षम अधिकारियों को बाहर करने और प्रभावी अधिकारियों को उन्नत करने में मदद मिलेगी।
❓7. क्या सरकार ने डॉ. सुब्बाराव के सुझावों पर कोई कदम उठाया है?
उत्तर:
अभी तक इन सुझावों पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन यह विषय नीति आयोग, UPSC, और अन्य नीति-निर्माताओं के बीच चर्चा का विषय है।
❓8. क्या आयु सीमा घटाने से सामाजिक न्याय प्रभावित होगा?
उत्तर:
यदि बिना सोच-विचार के यह बदलाव लागू किया गया, तो पिछड़े वर्गों और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले उम्मीदवारों को नुकसान हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि सुधारों में समावेशिता और समान अवसर को प्राथमिकता दी जाए।
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