किसानों का रेल रोको आंदोलन: यात्रियों को हो रही है परेशानी, रेलवे ने जारी किया नोटिस, किसानों के विरोध प्रदर्शन से रेल यातायात प्रभावित, जानें अपडेट

Kisan Rail Roko Andolan Latest news: किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने पंजाब के लोगों से आज रेल रोको आंदोलन में शामिल होने की अपील की। उन्होंने पंजाब के सभी 13000 गांवों के लोगों से अनुरोध किया कि वे रेलवे ट्रैक, नजदीकी रेलवे क्रॉसिंग और रेलवे स्टेशनों को दोपहर 12 से 3 बजे तक बंद कर दें।

Rail roko Andolan in Punjab today Kisan andolan all update in Hindi
मोहाली में रेल ट्रेक पर बैठे किसान – फोटो : संवादReactions

विस्तार

पंजाब-हरियाणा की सीमा पर शंभू-खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के हक में आज पूरे पंजाब में रेलें रोकी गई हैं। हर जिले में किसान दोपहर 12 बजे से रेल पटरियों पर बैठ गए हैं। 

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को 22 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी तक किसानों से बात नहीं की। मोदी सरकार किसानों के मुद्दों को डीरेल करना चाहती है।

विज्ञापन

पंधेर ने कहा कि कुछ मीडिया वालों की तरफ से किसानों की दोनों यूनियनों को अलग-अलग बताया जा रहा है, जोकि सरासर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं। किसान एकजुट हैं और मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं। पंधेर ने आरोप लगाया कि विपक्ष किसानों की आवाज संसद में नहीं उठा रहा है, जिससे किसानों की समस्याएं अनसुनी हो रही हैं। पंधेर ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी सवाल उठाया और पूछा कि वे किसानों के लिए क्या कर रहे हैं?

पंजाब में आज यहां रोकी जाएंगी ट्रेनें

  • जिला मोगा का जितवाल, डगरू, मोगा स्टेशन
  • जिला फरीदकोट का फरीदकोट स्टेशन
  • जिला गुरदासपुर का प्लेटफॉर्म कादियां, फतेहगढ़ चूड़ियां, बटाला प्लेटफॉर्म
  • जिला जालंधर का लोहियां खास, फिल्लौर, जालंधर कैंट, ढिल्लवां
  • जिला पठानकोट का परमानंद प्लेटफॉर्म
  • जिला होशियारपुर का टांडा, दसूहा, होशियारपुर प्लेटफॉर्म, मडियाला और माहिलपुर
  • जिला फिरोज़पुर का मखू, मलां वाला, तलवंडी भाई, बस्ती टैंकां वाली, जगराांव
  • जिला लुधियाना का साहनेवाल
  • जिला पटियाला कारेलवे स्टेशन पटियाला, शंभू स्टेशन
  • जिला मोहाली का रेलवे स्टेशन फेस 11 मोहाली
  • जिला संगरूर का सुनाम
  • जिला मलैरकोटला का अहमदगढ़
  • जिला मानसा का मानसा मेन, बरेटा
  • जिला रूपनगर का रेलवे स्टेशन रूपनगर
  • जिला अमृतसर का देवीदासपुरा, ब्यास, पंधेर कलां, काठू नंगल, रमदास, जहानगीर, झंडे
  • जिला फाजिल्का का रेलवे स्टेशन फाजिल्का
  • जिला तरनतारन का पट्टी, खेमकरण, रेलवे स्टेशन तरनतारन
  • जिला नवांशहर का बहराम
  • जिला बठिंडा का रामपुरा
  • जिला कपूरथला का हमीरा, सुल्तानपुर, लोदी और फगवाड़ा
  • जिला मुक्तसर का मलोट

कमेटी की ओर से बुलाई बैठक में जाने से किसानों का इनकार

शंभू बार्डर खोलने को लेकर किसानों से सीधी वार्ता करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई कमेटी के साथ बैठक करने से किसानों ने साफ इनकार कर दिया है। कमेटी की ओर से बुधवार को बैठक बुलाई गई थी। कमेटी को भेजे पत्र में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने लिखा है कि पहले से ही अंदेशा था कि कमेटियां सिर्फ खानापूर्ति के लिए बनाई जाती हैं। बावजूद इसके आप सभी का सम्मान करते हुए किसानों का प्रतिनिधिमंडल चार नवंबर को कमेटी के मेंबरों से मिला। लेकिन इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद कमेटी अब तक शंभू व खनाैरी बार्डरों पर जाने का समय नहीं निकाल सकी। इतनी देरी के बाद कमेटी सक्रिय हो सकी है, यह देखकर काफी दुख हो रहा है। क्या कमेटी उनकी मृत्यु का इंतजार कर रही थी। अपनी मेडिकल स्थिति व शंभू बार्डर पर दिल्ली कूच करने के समय घायल किसानों की हालत को देखते हुए दोनों मोर्चों ने फैसला लिया है कि किसान कमेटी के साथ बैठक करने में असमर्थ हैं। अब किसानों की ओर से अपनी मांगों को लेकर केवल केंद्र सरकार के साथ ही सीधी बातचीत की जाएगी।

पंजाब में सर्वाधिक MSP फिर भी असंतोष, क्या किसान आंदोलन राजनीति से है प्रेरित?

Farmers Protest Inside Story: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसान एक बार फिर सड़क पर उतरे हैं। पंजाब के कुछ किसान संगठनों ने 13 फरवरी से ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन शुरू किया। उनकी डिमांड एमएसपी कानून और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की है। हालांकि, आंदोलन की टाइमिंग समेत कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे सवाल उठ रहा कि कहीं ये प्रोटेस्ट राजनीति से प्रेरित तो नहीं।

हाइलाइट्स

  • किसानों के आंदोलन को लेकर उठ रहे सवाल
  • क्या राजनीति से प्रेरित है किसानों का ये प्रदर्शन
  • पंजाब के किसानों को मिला सबसे ज्यादा MSP
  • फिर भी आंदोलन के लिए सड़क पर उतरे किसान
kisan

नई दिल्ली : पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान संगठन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी वाले कानून की मांग को लेकर केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पंजाब के किसानों को धान और गेहूं की फसल के लिए उनकी उत्पादन लागत पर सबसे अधिक रिटर्न मिलता है? सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सीजन में पंजाब में धान की 99 फीसदी फसल और गेहूं की 74 फीसदी फसल की खरीद एमएसपी पर की गई थी। पंजाब में चावल की सरकारी खरीद देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक 12.3 मिलियन टन थी। यानी देश के सभी राज्यों से चावल की खरीद में सबसे ज्यादा 22 फीसदी की हिस्सेदारी पंजाब की थी जबकि पंजाब का देश में चावल उत्पादन में हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है। वहीं 2023-24 पंजाब में एमएसपी पर गेहूं की खरीद देश में सबसे अधिक लगभग 40 फीसदी था। इस नए सीजन में पंजाब में गेहूं की खरीद भी 25 प्रतिशत बढ़ी है।

इसलिए उठ रहे किसान आंदोलन पर सवाल

सरकारी रिपोर्ट की मानें तो पंजाब के किसानों के लिए फसलों का एमएसपी रिटर्न देश में सबसे अच्छा है। एमएसपी पर फसलों के रिटर्न की गणना तीन मापदंडों पर की जाती है। एक तो उत्पादन की कुल लागत (जीवीओ), ए2 जो फसल की वृद्धि, उत्पादन और रखरखाव के साथ रसायन, उर्वरक, बीज और श्रमिक के खर्च को दर्शाता है। इसके साथ ही ए2+एफएल में वास्तविक और इसकी ढुलाई से लेकर हर तरह की लागत शामिल होती है। इन तीनों के योग पर एमएसपी की गणना की जाती है।

पंजाब में किसानों को सबसे ज्यादा MSP

धान के एमएसपी पर खरीद के मामले में पंजाब इन तीनों मामलों में शीर्ष पर है। ऐसे में धान की खेती में पंजाब के लिए उच्चतम उत्पादन की कुल लागत 1,36,636 रुपये प्रति हेक्टेयर है। पंजाब में मूंग का जीवीओ सबसे अधिक 1,02,047 रुपये प्रति हेक्टेयर था। कपास में भी जीवीओ पंजाब में 1,42,239 रुपये प्रति हेक्टेयर सबसे अधिक था। वहीं धान की खेती में ए2 और ए2+एफएल प्रति हेक्टेयर की लागत पर रिटर्न पंजाब के लिए सबसे अधिक 88,287 रुपये और 82,037 रुपये था। मूंग में भी यही हाल है जहां ए2 और ए2+एफएल प्रति हेक्टेयर रिटर्न पंजाब के लिए क्रमशः 75,256 रुपये और 72,719 रुपये।

कपास के मामले में ए2 और ए2+एफएल प्रति हेक्टेयर लागत पर रिटर्न पंजाब में 89,474 रुपये और 81,582 रुपये था, जो सबसे अधिक था। एक अन्य एमएसपी पैमाने पर नजर डालें तो अनुमानित सीओपी ए+एफएल पर पंजाब में धान और गेहूं दोनों के लिए एमएसपी मार्जिन सबसे अधिक है। सरकारी रिपोर्ट की मानें तो पंजाब में अनुमानित सीओपी ए+एफएल की तुलना में सबसे अधिक एमएसपी मार्जिन धान पर (173.5 फीसदी) के साथ-साथ गेहूं पर (152.6 फीसदी) था। गेहूं के लिए सबसे अधिक जीवीओ हरियाणा के बाद पंजाब में 1,01,905 रुपये प्रति हेक्टेयर है।

आंदोलन की टाइमिंग को लेकर भी सवाल

देश के शीर्ष पांच गेहूं उत्पादक राज्यों में से, पंजाब और हरियाणा का रिटर्न पूरे देश में औसत से अधिक था। पंजाब में प्रति किसान धान की खरीद का औसत देखा जाए तो यह 11.9 टन है, जो देश में सबसे अधिक है। पिछले सीजन में पंजाब से एमएसपी पर लगभग 184 लाख टन धान की खरीद की गई थी, जो पंजाब में कुल किसानों के अनुपात पर देखा जाए तो इसमें लाभार्थी किसानों की हिस्सेदारी भी 100 प्रतिशत से अधिक थी। वहीं अभी चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के मुख्य नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को यह कहते भी सुना गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ग्राफ को नीचे लाने’ के लिए यह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ काफी ऊपर है।

हरियाणा-यूपी के किसान संघ शामिल नहीं!

ऐसे में अब इस किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या मौजूदा विरोध प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का मौन राजनीतिक समर्थन प्राप्त है? अभी जो किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे हैं, उनमें मुख्य रूप से पंजाब के किसान शामिल हैं। इसमें हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संघ शामिल नहीं हैं, जो 2020 में इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे। गुरनाम सिंह चारुनी और बलबीर सिंह राजेवाल जैसे किसान संघ के नेता इसमें शामिल नहीं हैं।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आंदोलन

पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार प्रदर्शनकारी किसानों के राजधानी में प्रवेश करने और विरोध करने के इरादों का समर्थन कर रही है। लेकिन, प्रदर्शनकारी किसानों को पंजाब में रोकने या बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने के केंद्र के अनुरोध को ठुकरा दिया। बीजेपी की तरफ से कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए किसानों के साथ आकर खड़ी हो गई है। जिससे लोकसभा चुनाव में उनको इन सीटों पर फायदा मिल सके और यहां पंजाब में अकाली दल और भाजपा को इन 13 सीटों पर नुकसान हो।

आम आदमी पार्टी तो पंजाब में अपनी लोकसभा सीटों को भी बढ़ाने की मंशा के तहत यह कर रही है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को ईडी का समन मिल रहा है और उन्हें अदालत और ईडी दोनों ने तलब किया है। वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि पंजाब के किसानों के पास इस विरोध प्रदर्शन के लिए कोई वजह नहीं है, जबकि उन्हें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों से भी बेहतर लाभ मिल रहा है। ऐसे में क्या इस विरोध प्रदर्शन के लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक मायने हैं? सवाल तो यही उठ रहा है।

पंजाब के आंदोलन से हरियाणा के किसानों ने क्यों किया किनारा? पढ़िए शंभू बॉर्डर का पूरा घटनाक्रम

हरियाणा के किसान संगठनों ने पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच से किनारा कर लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) भारतीय किसान यूनियन संयुक्त किसान मोर्चा ने भी दूरी बना ली है। इधर सोनीपत में भी 20 गांवों के सरपंच दिल्ली कूच के विरोध में उतर आए। शंभू बॉर्डर पर किसान और हरियाणा पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों के बीच तनातनी देखने को मिली।

Hero Image
किसानों की मांगों का समर्थन, लेकिन आंदोलन से किया किनारा।

किसानों की मांगों का समर्थन, लेकिन आंदोलन से किया किनारा।

  1. सोनीपत में 20 गांवों के सरपंच बोले- नहीं लगाने देंगे टेंट, जबरदस्ती की तो करेंगे विरोध।
  2. पंजाब बॉर्डर से सटे हरियाणा के गांवों के किसान नहीं शामिल हुए दिल्ली कूच में।

जागरण टीम, अंबाला/हिसार। शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच के लिए निकले पंजाब के किसानों को हरियाणा के किसान संगठनों ने किनारा कर लिया है। किसान नेताओं का कहना है कि मांगों का समर्थन करते हैं लेकिन आंदोलन में साथ नहीं है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी), भारतीय किसान यूनियन, संयुक्त किसान मोर्चा ने भी दूरी बना ली।

इधर, सोनीपत में भी 20 गांवों के सरपंच दिल्ली कूच के विरोध में उतर आए। उनका कहना था कि किसी भी हालत में किसानों को हरियाणा में टेंट नहीं लगाने देंगे। वहीं, शंभू बॉर्डर पर किसान और हरियाणा पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों के बीच तनातनी से हरियाणा सीमाओं पर नाकाबंदी कर दी गई। इससे राहगीरों को परेशानी हुई। अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट सेवा बंद होने से लोग परेशान रहे।

किसान की मांगों का समर्थन, आंदोलन से दूरी

भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के दिल्ली कूच को लेकर शुरू किए गए आंदोलन से अलग हैं। इस आंदोलन में शामिल किसान संगठनों ने उन्हें इसमें शामिल नहीं किया है।

यह विडियो भी देखें

हालांकि वह इन किसानों की ओर से उठाई जा रही किसान हित की मांगों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि इन किसानों से बातचीत करे और बातचीत से इसका हल निकाला जाए। इधर, किसान सभा भी दिल्ली कूच में शामिल नहीं हुई।

किसान सभा हिसार के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार ने कहा कि किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा से अभी दिल्ली कूच के लिए कोई नहीं गया। वहीं, टीकरी बॉर्डर को सील करने के लिए तैयारी हो गई।

यदि किसान यहां तक आते हैं तो उन्हें आगे जाने से रोकने के लिए इंतजाम किए हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से कंटेनर, बैरिकेड्स, मिट्टी की बोरियां सब जुटा ली गईं। ओवरहेड पर लाउड स्पीकर लगा दिए गए।

दिन भर पुलिस के तंबू लगते रहे। अभी यहां कोई तैनाती नहीं है। किसानों के जत्थे हरियाणा में प्रवेश करते ही टीकरी बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा। टीकरी बॉर्डर पर ही हरियाणा पुलिस भी निगरानी कर रही है।

कांग्रेसी सांसद ने संसद भवन परिसर में किया प्रदर्शन

हरियाणा के कांग्रेस सांसदों ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित संसद भवन के परिसर में किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद हाथों में तख्तियां लिए हुए थे और नारों के माध्यम से केंद्र सरकार से आग्रह कर रहे थे कि आंदोलनकारी किसानों से बातचीत की जाए।

सांसदों का कहना था कि किसान अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। पहले उन्हें ट्रैक्टर-ट्रालियों से जाने से रोका गया, लेकिन अब किसान पैदल दिल्ली कूच करना चाह रहे हैं, मगर सरकार ने उन्हें जाने से रोक दिया। यह लोकतंत्र नहीं है।

नई दिल्ली स्थित संसद के परिसर में रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला के सांसद वरुण मुलाना, हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी और सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार पर किसानों से बातचीत करने का दबाव बनाया।

सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा इन प्रदर्शनकारी सांसदों के साथ नजर नहीं आई, हालांकि सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद जरूर कांग्रेस के चारों सांसदों के साथ किसानों के समर्थन में नारे लगाते हुए देखे गए। हरियाणा के कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं।

वे भी इस प्रदर्शन के दौरान मौजूद नहीं थे। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा कर आंदोलन खत्म कराया था, लंबे समय के इंतजार के बाद भी किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा रही है।

दिल्ली में जंतर मंतर पर देश भर से लोग अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आंदोलन करने आते हैं।

नायब सैनी ने भगवंत मान को दी सलाह

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में हरियाणा के नहीं, बल्कि पंजाब के किसान ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों के लिए हमारी सरकार बहुत कुछ कर रही है। राज्य के किसानों की सौ प्रतिशत फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जा रही हैं।

नायब सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को सलाह दी कि वे अपने राज्य के किसानों की समस्याओं का समाधान करें। उन्हें हरियाणा की तरह एमएसपी दें व धरना स्थल पर किसानों के बीच जाकर उनकी बात को सुनें।

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ में प्रशासनिक बैठकों के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के लिए बहुत कुछ कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फसलों पर एमएसपी बढ़ाई है।

कांग्रेस सरकार पांच रुपये क्विंटल एमएसपी बढ़ाती थी, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इसे सैकड़ों रुपये में बढ़ाया है। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी को यह शोभा नहीं देता कि वे अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसानों के कंधों का इस्तेमाल करें। हरियाणा सरकार किसानों को निरंतर मजबूत कर रही है।

यह भी लगाए आरोप

नायब सैनी ने कहा कि किसी भी राज्य में किसानों के खराब हालात के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। विपक्ष के सांसद तख्तियां तो उठा रहे हैं, लेकिन उनको उन तख्तियों पर अपने कार्यकाल की भी जानकारी देनी चाहिए थी कि जब वे राज में थे, तब किसानों पर किस तरह से अत्याचार किया करते थे और किस तरह से एक से दो रुपये तक फसल खराबे के मुआवजे के रूप में देते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि उनकी सरकार के दौरान किसानों का कितना सुधार हुआ है।

‘दिल्ली कूच के आंदोलन से मोर्चा का सीधा संबंध नहीं’

भारतीय किसान यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष जोगेंद्र नैन ने कहा कि पंजाब के किसानों के दिल्ली जाने के आंदोलन से वैसे तो संयुक्त किसान मोर्चे का सीधा संबंध नहीं है, लेकिन किसान की इस लड़ाई में सबकी मांगें साझी हैं।

आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे की राष्ट्रीय स्तर की वीडियो कांफ्रेस में आगामी रणनीति के में बारे विचार-विमर्श किया जाएगा। उस समय तक पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच और सरकार की कार्रवाई के निचोड़ का भी पता लग जाएगा।

किसानों की मांगों का समर्थन, लेकिन आंदोलन से किया किनारा।

दातासिंह वाला बॉर्डर पर शांति

दातासिंहवाला बॉर्डर पर शांति है। किसानों के पैदल कूच के फैसले को देखते हुए बॉर्डर पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात है। दिल्ली-पटियाला मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई है। पंजाब की तरफ से हरियाणा आने के लिए उझाना गांव में रास्ता है। यहां भी पुलिस तैनात है।

नरवाना में सिरसा ब्रांच जींद रोड पर भी नाका लगाया गया है। अब दातासिंहवाला बॉर्डर के अलावा दो अन्य जगह नाकेबंदी की हुई है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि पहले किसानों को पैदल जाने के लिए कहा जा रहा था, अब इससे भी रोका जा रहा है। किसानों का सिर्फ शंभू बॉर्डर से ही आगे बढ़ने का कार्यक्रम है।

आंदोलनकारी किसानों को जीटी रोड पर नहीं लगाने देंगे टेंट

राई ब्लाक के सरपंचों, कुंडली नपा पार्षदों और ब्लाक समिति के पदाधिकारियों ने आंदोलनकारी किसानों के विरोध का फैसला लिया है।राई स्थित पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में संयुक्त बैठक में सरपंचों ने स्पष्ट किया कि आंदोलनकारी अगर दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाए तो उन्हें कुंडली में टेंट लगाकर बैठने नहीं दिया जाएगा और उनसे वापस लौटने का आग्रह करेंगे।अगर किसी किसान संगठन के पदाधिकारी जबरदस्ती बैठने का प्रयास करेंगे तो सरपंचों की अगुवाई में ग्रामीण एकजुट होकर आंदोलनकारियों को हटाने का काम करेंगे।ब्लाक सरपंच एसोसिएशन प्रधान बिल्लू, नवीन के पदाधिकारियों ने दैनिक जागरण को बताया कि पिछली बार दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसके बाद किसान कुंडली बॉर्डर पर बैठ गए थे, जिससे क्षेत्र में काम धंधे सब ठप हो गए थे।

RRB NTPC Admit Card 2024, Exam City Intimation Slip and Release Date

नमस्कार दोस्तों, रेलवे भर्ती विभाग के द्वारा पे लेवल 2,3,5,6 पदों के लिए कुल 11558 पदों पर नोटिफिकेशन जारी किया गया था। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया भी

PAN 2.0: अब आपके पुराने पैन कार्ड का क्या होगा, जानें नए नियम में क्या-क्या बदल जाएगा

PAN 2.0 प्रोजेक्ट का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है। पैन नंबर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाने वाला

एमपी पैरामेडिकल स्टाफ भर्ती 2024, Group 5 Vacancies, Apply link!

एमपीईएसबी द्वारा नर्सिंग ऑफिसर और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए विज्ञापन 22 नवंबर, 2024 को जारी किया गया था, जो व्यक्ति पात्र और इच्छुक हैं, उन्हें यह जानना होगा

Sarkari Job 2024: एमपी राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास लिमिटेड में भर्ती, आवेदन शुरू, बिना परीक्षा सीधे मिलेगी नौकरी!

Latest Sarkari Bharti 2024: अच्छे पद पर नौकरी की तलाश कर रहे अभ्यर्थियों के लिए एमपी राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड में विभिन्न पदों के लिए भर्ती निकली है। इस

Delhi Police Constable Vacancy 2025: दिल्ली पुलिस कांस्टेबल नई भर्ती की 6221 पदों पर घोषणा, योग्यता 12वीं पास

दिल्ली पुलिस भर्ती ऑनलाइन फॉर्म दिल्ली पुलिस कांस्टेबल एप्लीकेशन फॉर्म  Delhi Police Constable Vacancy 2025:  दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रिक्त पदों को भरने के लिए आधिकारिक घोषणा जारी कर दी गई है।

SSC MTS answer key 2024 out at ssc.gov.in, here’s direct link to download

SSC MTS answer key 2024 out at ssc.gov.in, here’s direct link to download

‘बांग्लादेश के हिंदुओं को सद्बुद्धि मिले’, धीरेंद्र शास्त्री ने क्यों कही ऐसी बात?

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पद यात्रा का आज नौवां ओर अंतिम दिन है। इस यात्रा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बांग्लादेश के

PM Modi Threat: 34 साल की महिला ने पीएम मोदी को दी जान से मारने की धमकी, पुलिस ने पकड़ा, मानसिक रूप से है अस्थिर

PM Modi Threat: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 27 नवंबर को जान से मारने की धमकी दी गई थी। मुंबई पुलिस के कंट्रोल रूम में धमकी भरा फोन आया

1 दिसंबर से OTP के लिए करना होगा ज्यादा इंतजार, ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए आ रहा है नया नियम

TRAI OTP New Rule: इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते चलन के साथ, इन तकनीकों की सुविधाओं के साथ-साथ कई तरह के खतरे भी सामने आए हैं। स्मार्टफोन ने जहां कई काम

आरबीआई ने सिबिल स्कोर को लेकर बनाएँ नए नियम 1 तारीख से लागू RBI CIBIL Score New Rule जल्द से जल्द देखे

RBI CIBIL Score New Rule: भारतीय रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होंगे। इन परिवर्तनों का

Leave a Comment